बदलते मौसम की वजह से मध्य प्रदेश में तापमान बढ़ रहा है। जिससे किसानों को रबी की फसलों में पानी देने की जरूरत आ पड़ी है। छतरपुर में उर्मिल नहर सूखी पड़ी हुई है। किसानों ने खेतों को पानी देने के लिए नहर चालू करने के लिए सिंचाई विभाग से बात की तो उपयंत्री ने पानी न होने की वजह बताते हुए नहर में पानी छोड़ने से मना कर दिया है। 

छतरपुर जिले में मध्य प्रदेश व उत्तर प्रदेश की सीमा पर उर्मिल बांध बना हुआ है। जिससे निकली नहर से छतरपुर समेत उत्तर प्रदेश के महोबा जिले के किसान भी सिंचाई करते हैं। इस सीजन नहर में केवल एक ही बार 14 अक्टूबर से 4 नवंबर तक पानी छोड़ा गया था। उसके बाद जिले में बारिश के चलते किसानों को सिंचाई की जरूरत नहीं पड़ी।

किसान बताते हैं कि लोग बोरबेल्स और कुओं से सिंचाई कर रहे हैं। लेकिन इनसे सिंचाई के लिए जल की आपूर्ति सम्भव नहीं है। इसलिए इस सीजन के लिए नहर में दोबारा पानी छोड़ा जाना चाहिए। अगर गेहूं और जौ कि फसलों में पानी नहीं दिया गया तो बाल छोटी पड़ जाएगी और दाना भी छोटा रह जाएगा।

किसानों का मानना ये भी है कि इस साल पड़ रही गर्मी कि वजह से फसलें पहले से ही प्रभावित हैं और अब यदि पानी नहीं छोड़ा जाएगा तो उत्पादन में कमी देखने को मिल सकती है। अभी भी उर्मिल बांध में दो मीटर पानी बचा हुआ है। इस नहर में छोड़कर दर्जन भर से ज्यादा गांवों की फसलें बचाई दा सकती है। 

इस नहर से महाराजपुर और राजनगर तहसील के 22 गांवों में सिंचाई की जाती है। नहर में पानी न छोड़े जाने से लगभग 3000 किसान और 7800 हेक्टेयर की फसल प्रभावित हो सकती है। हर साल उर्मिल बांध की नहर को 28 मीटर 70 सेमी पर बंद किया जाता है। जबकि इस समय उर्मिल बांध में पानी 30 मीटर 70 सेमी तक है। 

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Shishir identifies himself as a young enthusiast passionate about telling tales of unheard. He covers the rural landscape with a socio-political angle. He loves reading books, watching theater, and having long conversations.

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